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अधिवक्ताओं ने एसडीम चौरी चौरा पर लगाए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

By admin Sep 16, 2024

गोरखपुर। तहसील चौरी चौरा में बार एसोसिएशन चौरी चौरा गोरखपुर द्वारा विगत 10 अगस्त से एसडीएम चौरी चौरा के प्रशासनिक और क्षमता एवं न्याय के कार्य में वैधानिक प्रक्रिया के पालन में असफलता के कारण न्यायिक बहिष्कार चल रहा है। बार एसोसिएशन के साथ एसडीएम चौरी चौरा द्वारा संवाद दिवस के माध्यम से निस्तारण हेतु पत्र पर सदन को सुनाया गया, बहुमत के आधार पर निर्णय लिया गया कि एसडीएम चौधरी चौराहा का में मनवाने पूर्ण निर्णय स्वीकार योग्य नहीं है तथा प्रशासनिक कार्य 9 के बराबर है। एसडीएम चौरी चौरा की स्थानांतरण आंदोलन कर रहे हैं उक्त संघ चौरी चौरा में निम्न समस्याओं की तरफ ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया लेकिन एसडीएम चोरी चोरा द्वारा संभव नहीं हो सका व्याप्त समस्या पर संवाद दिवस के माध्यम से निस्तारण का प्रयास किया संवाद दिवस में चर्चा होने पर भी कोई सुधार नहीं हुआ। विभाजन आदेश में हल्का लेखपाल मनमानी तरीके से कार्य कर रहे हैं संवाद के बावजूद भ्रष्टाचार में कोई सुधार नहीं हुआ एसडीएम चौरी चौरा की न्यायालय में सीमांकन धारा 24, वन राजस्व संहिता, 2006, 3 माह में निस्तारण का प्रावधान है आदेश व पैमाइश शुल्क जमा होने के बावजूद भी राजस्व निरीक्षक₹10000 से कम पर सीमांकन नहीं करते। पुणे रिपोर्ट में वसूली फाइनल पैमाइश में बड़ी धनराज दे होती है राजस्व छठ के शोषण से सीमांकन दावा करने से काश्तकार कतराते हैं जैसे राज्य सरकार की क्षति हो रही है राजस्व शिक्षक पर एसडीएम प्रशांत वर्मा के आदेश का कोई प्रभाव नहीं है तथा प्रशासनिक अंकुश 9 के बराबर है। संगठन चौरी चौरा की बैठक में अरविंद प्रकाश में लाई गई जगदीश मौर्या गांव सभा पर भी नियुक्त हैं। 122 बी के मुकदमे में नहीं है जगदीश मौर्य। गांव सभा पर भी नियुक्त हैं एसडीम के विधिक सलाहकार बन गए हैं तथा उन्हें के निर्देश पर पत्रावली निर्धारित होती है इससे सदन में घोर असंतोष व्याप्त है। अधिवक्ताओं के द्वारा न्यायिक बहिष्कार दौरान एसडीएम अदालत में लंबित बात खारिज कर निस्तारण कर रहे हैं परंतु कई माह तक लंबी रहती है फाइल ऐसा क्यों किया जाता है प्रवास प्रश्न वाचक चिन्ह लगा हुआ है। महत्वपूर्ण अभियान भेजो विभागीय गलती से नाम छूट जाता है बनाने के कंप्लायंस में गलती हो जाती है कास्ट कर 32 साल 38 दृष्टि दावा करता है उसके निस्तारण में घोर लापरवाही है कसकर दौड़ते दौड़ते तक का जाते हैं पत्रावली सुनवाई नहीं होती सौतेला व्यवहार किया जाता है गलती विभागीय होती है रिपोर्ट में मनमानी पड़ोसी लिखी जाती है परंतु नोएडा शून्य है इसी प्रकार धारा 80 राजस्व संहिता के मुकदमे में शुल्क जमा लेकर खारिश कर दी जाती है। तहसील स्तर पर प्रशासनिक अंकुश की कमी जिससे अधीनस्थ कर्मचारी मनमानी पूर्ण कार्यवाही वह जनता का सूचना करने में प्रतिबंध नहीं है अधिवक्ता संघ 14 माह से समाधान करने में असफल रहा है परेशान होकर एसडीएम चोरी चोरा के स्थानांतरण है आंदोलन है संज्ञान में लाई गई है कि नायब तहसीलदार के समस्त ग्राम सभा आवश्यक पचकर नहीं होता नामिका अधिवक्ता के कार्य व्यवहार से अधिवक्ता संतुष्ट हैं इस प्रतिबंध इस पर प्रतिबंध लगाना अनीता आवश्यक है। इसी क्रम में 6 सितंबर को तहसील मे एक आवश्यक बैठक अध्यक्ष राम प्यारे यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में कासगंज की युवा अधिवक्ता श्रीमती मोहनी कुमार की अपहरण एवं हत्या के संबंध में चर्चा किया गया तथा सर्व सम्मत से उक्त घटना की निंदा की गई तथा 2 मिनट मौन रहकर ईश्वर से प्रार्थना किया गया की मृत्यु अधिवक्ता के पारिवारिक जान को दुख सहने की शक्ति शांति प्रदान करें साथ ही बैठक में सर्व समस्या सर्व समस्या का निर्णय लिया गया कि कासगंज की अधिकता मोहिनी तोमर की अपहरण कर हत्या करने के आरोपियों को गिरफ्तार कर दनदनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित किया जाए मृत्यु अधिवक्ता के परिजनों को एक करोड़ आर्थिक सहायता प्रदान किया जाए प्रदेश में अधिवक्ताओं के साथ घटित हो रहे अपराधों को देशीकृत रखते हुए अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट अभिलंब लागू किया जाए उक्त मांगों पर प्रभावित कार्रवाई कर प्रदेश में अधिवक्ता प्रोटेक्शन लागू करने की व्यवस्था होना नितांत आवश्यक है ताकि अधिवक्ताओं को भी न्याय मिल सके इसके संदर्भ में तहसीलदार चोरी चोरा कोई ज्ञापन मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ को दे दी गई है।

क्या कहते हैं एसडीएम

एसडीएम प्रशांत कुमार ने बताया कि अधिवक्ताओं द्वारा अनैतिक तरीके से धरना किया जा रहा है। 120 दिन सरकारी कार्य होता है जबकि अधिवक्ता केवल 20 दिन ही काम करना चाहते हैं मुझ पर दबाव बनाकर गैर कानूनी तरीके से काम करवाना चाहते हैं मैंने मना किया मना किया तो मेरे खिलाफ झूठ भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं और मेरे स्थानांतरण के लिए अधिकारियों पर दवा बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से पहले तहसील में अधिवक्ताओं द्वारा मनमाने तरीके से काम होता था मेरे आने के बाद तहसील में सही तरीके से कर हो रहा है। तहसील कार्यालय पर जन समस्याओं के लिए रोजाना हमारे द्वारा शिकायतें सुनी जा रही हैं।

परमानंद दुबे मंडल ब्यूरो चीफ गोरखपुर

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