
गोरखपुर पूर्वांचल का सबसे बड़ा महानगर होने के साथ शिक्षा, व्यापार और पर्यटन का प्रमुख केंद्र है। यह न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि बिहार के लगभग 20 ज़िलों की आवश्यकताओं को भी पूरा करता है। यहाँ रेलवे का विशाल नेटवर्क और अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा मौजूद है। गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों के छात्र अत्यंत मेधावी हैं और उनमें अपार संभावनाएँ हैं। यहाँ विश्वविद्यालय और चिकित्सा महाविद्यालय होने के बावजूद, खगोलीय ज्ञान और विज्ञान से जुड़ी शिक्षा के लिए कोई तारामंडल (प्लैनेटेरियम) उपलब्ध नहीं है।विद्यार्थियों को अंतरिक्ष विज्ञान की जानकारी देने के लिए एक आधुनिक तारामंडल की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है। राज्य सरकार गोरखपुर में तारामंडल की स्थापना के लिए आवश्यक सहयोग देने को तैयार है। ऐसे में केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है कि गोरखपुर में एक तारामंडल की स्थापना के लिए शीघ्र निर्णय लिया जाए। यह न केवल क्षेत्र के विद्यार्थियों को खगोलीय विज्ञान से जोड़ेगा, बल्कि उनके बौद्धिक विकास में भी सहायक होगा।
गोरखपुर के सांसद रवि किशन शुक्ला ने कहा— “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गोरखपुर और पूर्वांचल नए युग की ओर बढ़ रहा है। यह विकास नहीं, बल्कि एक क्रांति है, जिससे हर नागरिक को सशक्त बनाया जा रहा है।” गोरखपुर में तारामंडल की स्थापना से पूर्वांचल के विद्यार्थियों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने का अवसर मिलेगा। इस दिशा में केंद्र सरकार से जल्द निर्णय लेने की अपील की गई है, ताकि इस क्षेत्र के छात्र भी आधुनिक शिक्षा और अंतरिक्ष विज्ञान से लाभान्वित हो सकें।

परमानंद दुबे ब्यूरो चीफ उत्तर प्रदेश