
अमेठी। जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल कुमार मौर्य ने बताया कि बाल विवाह को रोकने के लिए कंपोजिट विद्यालय धनीजलालपुर में आज जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित चाइल्ड हेल्पलाइन के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर गौरव श्रीवास्तव एवं उनकी टीम द्वारा बताया गया कि लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष एवं लड़कों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित की गई है।

बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह को अपराध माना जाता है, अगर कोई ऐसा करता है तो उसे 2 साल की सजा, एक लाख का जुर्माना होगा, बाल विवाह से बहुत सारे दोष हैं बाल विवाह सीधा असर न केवल लड़कियों पर बल्कि उनके परिवार व समुदाय पर भी होता है जिस लड़की की शादी कम उम्र में हो जाती है उसके स्कूल से निकल जाने की संभावना बढ़ जाती है तथा उनके कमाने और समुदाय में योगदान देने की क्षमता कम हो जाती है घरेलू हिंसा, बीमारी के शिकार का खतरा बढ़ जाता है

चाइल्ड हेल्पलाइन टीम ने बाल विवाह के बारे में बताया जिसमें विद्यालय की प्रधानाचार्य जानवी देवी गुप्ता, सहायक अध्यापिका अनुपम पांडे भी मौजूद रही, और टीम ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को बाल विवाह, भिक्षावृत्ति, मानसिक शारीरिक प्रताड़ित बच्चे, अनाथ बच्चे, बाल श्रम, खोया पाया बच्चा, गुमशुदा बच्चे की जानकारी मिलती है तो वह व्यक्ति टोल फ्री नंबर 1098 पर जानकारी दे सकता है।

अमेठी से ब्यूरो चीफ प्रदीप सिंह