बिरनो /गाजीपुर! सीएचसी क्षेत्र में हाल ही में एक चिंताजनक स्थिति सामने आई है, जहाँ कई अवैध मेडिकल संस्थान फल-फूल रहे हैं। यह संस्थान सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का फायदा उठाकर अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। इन संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता है, क्योंकि ये न केवल मरीजों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।इस समस्या की जड़ें स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही में हैं।
बताया जाता है कि जिम्मेदार अधिकारी सख्त कदम उठाने में असफल रहते हैं। मरीजों द्वारा बताया जाता है कि सीएससी प्रभारी अक्सर सीएचसी से गायब रहते हैं, और इसके साथ ही कुछ डॉक्टर बाहर की दवा भी लिखते हैं। इस पर जब मीडिया प्रतिनिधि ने सीएमओ गाजीपुर के टेलीफोन नंबर पर फोन लगाया तो सीएमओ साहब ने फोन नहीं उठाया। आम जन खुद समझ सकता है कि करप्शन का बोलबाला कितना तेज़ी से बढ़ रहा है।
मरीज को अस्पताल के पर्चे के पीछे दवा लिखी हई
अवैध मेडिकल संस्थान जैसे अस्पताल, डायग्नोस्टिक सेंटर, पैथोलॉजी लैब, मेडिकल स्टोर इत्यादि। सामान्यतः बिना मान्यता एवम मानक के चलाए जा रहे हैं, जो मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इन संस्थानों का संचालन कैसे संभव हो रहा है, यह भी एक बड़ा सवाल है। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की नाकामी की वजह से ये संस्थान खुलेआम काम कर रहे हैं। इसके अलावा, इन अवैध संस्थानों द्वारा भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता का भी योगदान हो सकता है, जिससे इस समस्या को बढ़ावा मिला है। समाधान के लिए, सबसे पहले इन अवैध संस्थानों को चिन्हित कर उन्हें बंद करना आवश्यक है। इसके लिए कड़ी निगरानी और नियमित जांच की जरूरत है। सरकारी अधिकारियों को भी अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना होगा और स्वास्थ्य सेवाओं के मानक को सुनिश्चित करना होगा।
✍आशिष गुप्ता सहायक ब्यूरो चीफ गाज़ीपुर 24 NEWS HD (Wayda such ka)