विकास कुमार बघेल छत्तीसगढ़////
➡️विजयादशमी के दिन विशाल रावण दहन कार्यक्रम में साइबर जागरूकता अभियान: लोगो को बताया गया क्या करें, क्या न करें, कोरिया पुलिस ने बांटे पम्पलेट
पुलिस अधीक्षक कोरिया के निर्देश पर जिला कोरिया में युद्ध स्तर पर साइबर जागरूकता कार्यक्रम संचालित कर नागरिकों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य साइबर अपराधों से बचाव के उपायों की जानकारी देना है। इसी अनुक्रम में विजयादशमी के दिन हाई स्कूल ग्राउंड बैकुंठपुर में विशाल रावण दहन कार्यक्रम के दौरान SDOP बैकुंठपुर श्री राजेश साहू द्वारा साइबर जागरूकता के सम्बन्ध में नागरिको को अवगत कराया गया है, जिसमे लगभग 6000 लोग लाभान्वित हुए है। इसके साथ ही कोरिया पुलिस द्वारा लोगो को इस सम्बन्ध में पम्पलेट भी बांटा गया है।
उल्लेखनीय है कि दिनांक 09 अक्टूबर को बैकुंठपुर के गरबा नाईट में लगभग 2000 लोग, रामगढ़ के दुर्गा पंडाल के जागराता में लगभग 1500 लोग, दिनांक 10 अक्टूबर को बैकुंठपुर के कुमार चौक में लगभग 500 लोग, बिशुनपुर जूनापारा चरचा दुर्गा पंडाल में लगभग 500 लोग, नगर के पहाड़पारा में लगभग 500 लोग एवं खरबत दुर्गा पंडाल के जागराता में लगभग 2500 लोग, वही थाना पटना क्षेत्र के कटकोना दुर्गा पंडाल में लगभग 500 लोग, पंडोपारा दुर्गा पंडाल में लगभग 1500 लोग, एवं पटना आदर्श चौक के दुर्गा पंडाल के जागराता के दौरान दुर्गा पंडाल में लगभग 2000 लोग, कटगोड़ी बाजार में लगभग 1000 लोग एवं साप्ताहिक बाजार बचरापोड़ी में लगभग 500 लोग इस तरह जिला कोरिया अंतर्गत कुल लगभग 19000 लोगो को साइबर जागरूकता कार्यक्रम के तहत लाभान्वित किया जा चुका है।उक्त कार्यक्रम में SDOP बैकुंठपुर ने सिम कार्ड फ्रॉड और सिम स्वैपिंग तकनीक के जरिए बैंक खातों से धन चोरी के प्रयासों के बारे में बताया है। नागरिकों को सलाह दी गई कि वे केवल कस्टमर केयर के वास्तविक नंबरों का उपयोग करें और अज्ञात कॉल्स या मैसेज का जवाब न दें। अभिभावकों को बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने और साइबर बुलीइंग से बचाने के उपायों के बारे में बताया गया है। इसके अलावा, फर्जी फेसबुक आईडी की पहचान कर उन्हें रिपोर्ट करने और साइबर अपराधियों द्वारा व्यक्तिगत जानकारी चुराने या गलत संदेश फैलाने से सावधान रहने की भी सलाह दी गई है। ओटीपी की सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा गया कि इसे किसी के साथ साझा न करें और अनचाही लिंक पर क्लिक करने से बचें।कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि बैंक खातों के पासवर्ड को मजबूत बनाने के लिए आठ अंकों का संयोजन, जिसमें बड़े-छोटे अक्षर, संख्या और विशेष चिन्ह हों, का उपयोग करें। नागरिकों को रिमोट एक्सेस ऐप्स, जैसे AnyDesk और TeamViewer, डाउनलोड न करने की सलाह दी गई, ताकि साइबर अपराधियों से फोन की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। लॉटरी या किसी लालच में न पड़ने की हिदायत दी गई। ठगी का शिकार होने पर साइबर पुलिस से तुरंत संपर्क करने, शिकायत दर्ज कराने और प्रमाण रखने का सुझाव भी दिया गया है।इसके अतिरिक्त क्या करें और क्या नां करें भी बताया है। जिसमे उन्होंने बताया कि, अपने एटीएम कार्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करें और इसका उपयोग केवल स्वयं या अत्यंत विश्वसनीय व्यक्ति से ही कराएं। एटीएम से धन निकालते समय अकेले रहें और पेमेंट अपनी मौजूदगी में ही करवाएं। मोबाइल नंबर बदलने पर तुरंत बैंक को सूचित करें ताकि खाते की जानकारी सुरक्षित रहे, और नियमित रूप से पासबुक अपडेट कराएं। ऑनलाइन ठगी या खाते से धन गायब होने पर तुरंत पुलिस और साइबर क्राइम शाखा को सूचित करें। किसी भी अश्लील या अपमानजनक संदेश का स्क्रीनशॉट लेकर पुलिस को रिपोर्ट करें। अपने कंप्यूटर और मोबाइल में एंटी-वायरस, एंटी-स्पाइवेयर और साइबर सुरक्षा सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें। ऑनलाइन पोस्ट की गई जानकारी को हटाना मुश्किल होता है, इसलिए पोस्ट करते समय सावधानी बरतें। केवल विश्वसनीय स्रोतों से मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और अपने मोबाइल को पासवर्ड, पैटर्न लॉक या फिंगरप्रिंट लॉक से सुरक्षित रखें।क्या न करें में बताया कि, किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना अकाउंट विवरण, एटीएम कार्ड नंबर, पिन, सीवीवी, या ओटीपी नंबर कभी न बताएं। एटीएम का इस्तेमाल हमेशा अकेले करें और किसी अनजान व्यक्ति की मदद न लें। अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी को फोन, ईमेल, एसएमएस, फेसबुक, या व्हाट्सएप पर न दें। अपने खाते का पासवर्ड किसी के साथ साझा न करें और न ही उसे मोबाइल या कंप्यूटर पर सेव करें। 13 साल से कम उम्र के बच्चों को फेसबुक, इंस्टाग्राम, और स्नैपचैट जैसी साइट्स पर अनुमति नहीं है, इस नियम का उल्लंघन करने में उनका समर्थन न करें। बच्चों को ऐसे एप्स का उपयोग न करने दें, जो संदेशों को तुरंत हटा देते हैं, जैसे स्नैपचैट। बीमा के बोनस या अधिक रिटर्न देने के झांसे में न आएं। अनजान लोगों को ऑनलाइन फ्रेंड न बनाएं और उनके बुलावे पर मिलने न जाएं। किसी अनजान व्हाट्सएप ग्रुप का हिस्सा न बनें और बिना पहचान के किसी को अपने ग्रुप में न जोड़ें। फेसबुक, इंस्टाग्राम, या किसी भी सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपनी निजी जानकारी जैसे घर का पता, फोन नंबर, जन्मतिथि, या लोकेशन साझा न करें। प्ले स्टोर पर उपलब्ध सभी एप्स पर बिना सोचे-समझे भरोसा न करें और अपने मोबाइल फोन में निजी जानकारियों को सुरक्षित न रखें।