रोड मैप टू आन्ट्रप्रनर्शिप पर एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला
फार्मेसी विभाग द्वारा एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला
सैफई : उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई के फैकेल्टी आफ फार्मेसी एवं सोसाइटी आफ फर्मास्युटिकल एजुकेशन एण्ड रिसर्च (एसपीईआर) के सहयोग से एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य विषय रोड मैप टू आन्ट्रप्रनर्शिप रहा। कार्यशाला का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डा0) प्रभात कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर कार्यशाला के मुख्य अतिथि डायरेक्टर ई-स्पीन नैनोटेक प्राइवेट लिमिटेड कानपुर, डा0 संदीप पाटिल, संकायाध्यक्ष एवं चेयरपर्सन फार्मेसी डा0 कमला पाठक, प्रतिकुलपति डा0 रमाकान्त यादव, कुलसचिव डा0 चन्द्रवीर सिंह, चिकित्सा अधीक्षक डा0 एसपी सिंह, आग्रनाइजिंग सेक्रेटरी डा0 पुष्पेन्द्र कुमार डा0 अंकुर वैद्य आदि उपस्थित रहे। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 डा0 प्रभात कुमार सिंह एवं सिमेन लेबोरेटरी गुरुग्राम के प्रोपराइटर आदित्य बंसल के मध्य एक आन्ट्रप्रनर्शिप पर एमओयू भी साइन किया गया।
इस अवसर पर डीन फार फार्मेसी, एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ डा0 देवेन्द्र पाठक तथा दन्त चिकित्सा विभाग, यूपीयूएमएस के डा0 राहुल मिश्रा आदि उपस्थित रहे।कार्यशाला के मुख्य वक्ता डा0 संदीप पाटिल, डायरेक्टर, ई-स्पीन नैनोटेक प्राइवेट लि0, कानपुर, डा0 उपेन्द्र नागैच, स्पेयर मार्केट रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड, नोएड़ा, डा0 अंकुर शर्मा, सीनियर आर एण्ड डी साइंटिस्ट हायलो टेक, न्यू जर्सी यूएस, आदित्य बंसल, प्रोपराइटर, सिमेन लेबोरेटरी गुरूग्राम, प्रणय वाल फाउन्डर, डायबापोर्ट हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, कानपुर, प्रदीप पोरवाल, डायरेक्टर एलमास बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड, भरथना आदि ने संबोधन करने के साथ अपने आन्ट्रप्रनर्शिप अनुभवों को भी साझा किया।कार्यशाला के मुख्य अतिथि डायरेक्टर ई-स्पीन नैनोटेक प्राइवेट लिमिटेड के डा0 संदीप पाटिल ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसके पास नये उद्यम को शुरू करने की इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प है, एक उद्यमी या आन्ट्रप्रनर्शिप हो सकता है। बशर्ते उसके अंदर सम्बन्धित उद्यम के साथ आने वाले सभी जोखिमों से निपटने का संकल्प हो। उन्होंने कहा कि आज से एक दशक पूर्व नये उद्यमियों के लिए इतनी सम्भावनायें नहीं थीं। उन्होंने कहा कि फार्मा में नये उद्यमियों के लिए बेहतर सम्भावनायें उपलब्ध हैं।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डा0) प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि जोखिम लेने की क्षमता, इनोवेशन, दूरदर्शी एवं नेतृत्व लेने की क्षमता तथा अपने उत्पाद के बारे में बारीकी से जानने वाला एक सफल उद्यमी हो सकता है।संकायाध्यक्ष एव चेयरपर्सन फार्मेसी डा0 कमला पाठक ने कहा कि एक नया उद्यमी या आन्ट्रप्रनर्शिप नये रोजगार का सृजन करता है, जिसका समाज एवं सामुदायिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि नये उद्यम से जीवन स्तर में वृद्धि के साथ ही नये अनुसंधान को बढ़ावा मिलता है।
सायमुल हसन संपादक