पुलिस बनी मूक दर्शक, पब्लिक देखती रही तमाशा
लाख कोशिशों के बाद भी पुलिस ने नहीं कर पाया हंगामा काबू
किन्नरों की मारपीट सैफई थाने की पुलिस देखती रही तमाशा
इटावा । जनपद इटावा के थाना सैफई क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत उझियानी का है जहां पर 11 जून को जनपद मैनपुरी के करहल के किन्नरों को जनपद इटावा के किन्नरों द्वारा धोखे से सैफई थाना क्षेत्र के ग्राम उझियानी में बुलाया गया जहां पर जनपद इटावा के किन्नरों ने करहल के किन्नरों के साथ पहले जमकर की मारपीट उसके बाद करहल के किन्नरों के सिर के बाल और चोटी काट दी थी इसके संबंध में करहल के किन्नरों द्वारा सैफई थाने में 11 जून को शिकायती पत्र दिया गया था जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई थी जिसके चलते बुधवार को समझौता करने के लिए जनपद इटावा के किन्नरों ने सैफई थाने करहल के किन्नर बुलाए थे जहां पर समझौता तो नहीं हुआ उससे पहले ही सैफई थाने के सामने रोड पर ही किन्नरों के बीच जमकर मारपीट होने लगी जिसको पब्लिक तो तमाशा देख रही थी जो कि पब्लिक का काम है लेकिन सैफई थाने की पुलिस भी खड़ी-खड़ी तमाशा देखती रही जब तक किन्नरों ने एक दूसरे को घायल कर दिया करहल के जख्मी किन्नर देख इटावा के किन्नर भाग खड़े हुए उसके बाद चार से पांच इटावा के किन्नरों को सैफई पुलिस ने थाने में बैठा रखा है, देखना यह है कि 11 जून की घटना के बाद दिए गए प्रार्थना पत्र पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई क्या इस तरह आज भी कोई करवाई सैफई पुलिस करती है या नहीं सैफई थाने के सामने कितना बड़ा हंगामा होने के बाद भी जब पत्रकारों ने सैफई थाने की थाना प्रभारी निरीक्षक कपिल दुबे से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि सैफई थाने के सामने कोई बवाल नहीं हुआ है जबकि पब्लिक से लेकर सभी किन्नरों के पास तक वीडियो है जो की इस समय सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं फिर भी सैफई थाने के एसएचओ कपिल दुबे का कहना है की थाने के सामने तो कोई बवाल हुआ ही नहीं क्या इसमें सैफई थाना अध्यक्ष की भी मिली भगत है क्योंकि 11 जून को हुए झगड़े के प्रार्थना पत्र पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई थी जिसके चलते आज फिर सैफई थाने के सामने खूंनी खेल खेला गया आपको बता दें की दोनों पक्षों से लगभग आठ लोग हुए घायल घायलों को सैफई मेडिकल कॉलेज में कराया गया भर्ती घायल किन्नर मुस्कान घायल किन्नर करहल, विशाखा घायल किन्नर, संध्या घायल किन्नर करहल सैफई मेडिकल कॉलेज के सामने सैकड़ो किन्नरों ने डाला डेरा।
सायमुल हसन संपादक